Paytm, HDFC Bank के खिलाफ RBI के एक्शन हुए हिट, ग्लोबल रेटिंग एजेंसी से मिला Thumbs Up!
आरबीआई के उपायों में आईआईएफएल फाइनेंस लि. और जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लि. को क्रमशः स्वर्ण कर्ज और शेयरों के बदले ऋण देने से रोकना शामिल है. इसके अलावा, आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) को नये ग्राहकों को जोड़ने से भी मना किया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय क्षेत्र में संचालन व्यवस्था और पारदर्शिता में सुधार के लिए गंभीर प्रतिबद्धता दिखा रहा है और उसके उपाय बैंकों को अधिक मजबूत और पारदर्शी बना रहे हैं. साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एस एंड पी गलोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह बात कही. एजेंसी ने कहा कि रिजर्व बैंक के हाल के उपाय वित्तीय संस्थानों के अति-उत्साह को कम करेंगे, नियमों के अनुपालन की संस्कृति को बढ़ाएंगे और ग्राहकों के हितों की रक्षा करेंगे. हालांकि, इससे संस्थानों के लिए पूंजी लागत भी बढ़ेगी.
RBI के किन कदमों का किया जिक्र?
आरबीआई के उपायों में आईआईएफएल फाइनेंस लि. और जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लि. को क्रमशः स्वर्ण कर्ज और शेयरों के बदले ऋण देने से रोकना शामिल है. इसके अलावा, आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) को नये ग्राहकों को जोड़ने से भी मना किया है. एसएंडपी के अनुसार, आरबीआई ने बार-बार तकनीकी गड़बड़ी के बाद दिसंबर, 2020 में एचडीएफसी बैंक को नये क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को लेने से रोका था. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ये कदम नियमों के उल्लंघनों को लेकर लगाये जाने वाले नाममात्र के वित्तीय जुर्माने से अलग हैं.
एसएंडपी ग्लोबल क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ ने कहा, ‘‘आरबीआई ने वित्तीय क्षेत्र को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है. हालांकि, इन नियामकीय उपायों को लेकर जोखिम भी है. इससे वृद्धि बाधित हो सकती है और वित्तीय संस्थानों के लिए पूंजी की लागत बढ़ सकती है.’’
किन पर ज्यादा सख्त है RBI?
TRENDING NOW
इस कंपनी में 100-200 नहीं पूरे 13 हजार कर्मचारियों की हुई 'घर वापसी', CEO बोले- 'जादू वापस आ गया है'
6 शेयर तुरंत खरीद लें और इस शेयर को बेच दें; एक्सपर्ट ने निवेशकों को दी कमाई की स्ट्रैटेजी, नोट कर लें टारगेट और SL
एसएंडपी के अनुसार, आरबीआई नियमों का अनुपालन नहीं होने, ग्राहक शिकायतों, आंकड़ों की गोपनीयता, कामकाज, अपने ग्राहक को जानों (केवाईसी) और मनी-लॉन्ड्रिंग निरोधक मुद्दों को लेकर ज्यादा सख्त है. चुघ ने कहा, ‘‘देश में वित्तीय क्षेत्र के लिए संचालन व्यवस्था और पारदर्शिता प्रमुख कमजोरियां रही हैं...आरबीआई के नये उपाय अधिक मजबूत और पारदर्शी वित्तीय प्रणाली बना रहे हैं.’’
आरबीआई ने सार्वजनिक रूप से उन प्रमुख मुद्दों का खुलासा करने का निर्णय लिया है जो संबंधित संस्थाओं के खिलाफ निलंबन या अन्य सख्त कार्रवाई का कारण बनते हैं. केंद्रीय बैंक उन गतिविधियों की निंदा करने में भी अधिक मुखर हो गया है जिन्हें वह ग्राहकों और निवेशकों के हितों के लिए नुकसानदायक मानता है.
07:44 PM IST